![Former President of Iran Mohammad Khatami, speaking at Chatham House in London late Wednesday Nov. 1, 2006](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110131727im_/http://www.voanews.com/hindi/images/AP_Khatami_London_110206.jpg) |
Former President of Iran Mohammad Khatami |
ब्रिटिश अखबार
द गार्जियन के अनुसार, ईरान में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी संकट में हैं । कूम शहर के चरमपंथी धार्मिक नेताओं के एक गुट ने एक याचिका मुहिम चलाई है, जिसमें मांग की गई है कि श्री खातमी को चोगा पहनने से वंचित किया जाए । पत्र में श्री खातमी की हाल की इटली यात्रा की एक तस्वीर का हवाला दिया गया है, जहां, धार्मिक नेताओं के अनुसार, वह एक "महिला संवाददाता के बिना ढके शरीर के पास बहुत अश्लील तरीके से बैठे थे ।"
लेकिन एक भिन्न और व्यापक प्रकाशित फोटो पर ईरान के धार्मिक चरमपंथियों में बहुत कम वितृष्णा पैदा हुई है । यह चित्र उत्तर-पूर्वी ईरान के शहर मशाद में 5 लोगों को सार्वजनिक फांसी देने के बाद रस्सियों से झूलते उनके शवों का है । मशाद के मुख्य अभियोजनकर्ता ने कहा कि ये पुरुष महिलाओं के अपहरण, चोरी और बलात्कार जैसे अपराधों के गुनहगार थे ।
परंतु ईरान में किसको इस पर यकीन हो सकता है । अपनी नवीनतम मानवाधिकार रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रतिवादियों को दोषी करार दिये जाने से पहले निर्दोष समझे जाने का अधिकार है, लेकिन अक्सर व्यावहारिक तौर पर ऐसा नहीं होता । मुकदमे जनता के लिए खुले होने चाहिए, लेकिन अक्सर उन्हें बंद कमरे में चलाया जाता है और आरोपियों को वकील तक नहीं दिया जाता । अपील करने का अधिकार अक्सर नहीं दिया जाता ।
ईरान में पिछले साल के दौरान मौत की सजाओं में तेजी से वृद्धि हुई है और मशाद में इसी के तहत सार्वजनिक रूप से फांसी दी गई थी । इसके अतिरिक्त, जुलाई में एक व्यक्ति को व्यभिचार के आरोप में पत्थरों से मार कर उसकी जान ले ली गई थी । असहमति जताने पर भी दमन किया जाता है । महिला के अधिकारों की वकालत करने वालों, श्रम नेताओं, पत्रकारों, छात्रों और शिक्षाविदों को पीटा गया है, जेल में डाला गया है, एकाकी कोठरियों में कैद किया गया है, अपने वकीलों, परिवारों और डॉक्टरों से मिलने नहीं दिया गया और कोड़े मारने की सजा दी गई । दो कुर्द पत्रकारों को मौत की सजा दी गई है । एक गैरसरकारी संगठन, इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के वॉशिंगटन स्थित विश्लेषक, करीम सदजादपुर का कहना है कि ईरानी नेता उस आबादी पर शासन करने के बजाय, जो उन्हें पसंद करती हो, उस आबादी पर शासन करना पसंद करेंगे, जो उनसे डरती हो । अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने ईरानी लोगों के बारे में कहा
"उन्हें, जिस समाज में वे रहते हैं, उससे बेहतर समाज में रहने का अधिकार है, जो ज्यादा स्वतंत्र हो और उन्हें निश्चय ही ऐसे समाज में रहने का अधिकार है, जो उनकी आकांक्षाओं को पूरा करे ।"
अमेरिका ने ईरान से कहा है कि वह मानवाधिकार हनन बंद करे और ईरानी लोगों को अपने मौलिक अधिकारों तथा स्वतंत्रताओं का उपभोग करने दे ।