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10 जनवरी  2009 

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मध्य-पूर्व में ईरान की गतिविधियों को रोकने की अमेरिकी कोशिश
04/08/2007

Condoleezza Rice, left, meets with Mahmoud Abbas in Ramallah, 02 Aug 2007
Condoleezza Rice, left, meets with Mahmoud Abbas in Ramallah, 02 Aug 2007
अमेरिका ने मध्य पूर्व में कई देशों के साथ नई सैन्य सहायता समझौतों की योजना की घोषणा की है । इन देशों में इस्राइल, मिस्र और सऊदी अरब भी शामिल हैं । विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने कहा कि अमेरिका की इस क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता की लंबी परंपरा है । यह योजना उसी का एक हिस्सा है । इसके अलावा उन्होंने कहा कि इन कोशिशों से नरमपंथियों ताकतों को बल मिलेगा तथा अल-कायदा, हिज़्बुल्ला, सीरिया और ईरान के नकारात्मक प्रभावों से निबटने की व्यापक रणनीति को समर्थन मिलेगा ।

सुश्री राइस ने कहा कि अमेरिका और उसके अनुरूप मध्य-पूर्व के विकास के सामने ईरान सबसे बड़ा सामरिक चुनौती है । उन्होंने कहा कि हम जिस तरह का मध्य-पूर्व चाहते हैं, उसमें एक यह है कि वहां अधिक आजादी का माहौल बने और जिससे सच्चा स्थायित्व स्थापित हो । उन्होंने कहा कि ईरान की सरकार उस दृष्टिकोण को सीधे चोट पहुंचा रही है । लेबनान में लोकतांत्रिक ताकतों के लिए खतरा बने आतंकवाद को ईरान की सहायता, फिलिस्तीनी क्षेत्रों में धुर कट्टरवादी ताकतों को समर्थन, शिया लड़ाकुओं को मदद, हमारे सिपाहियों के जीवन और एक स्वतंत्र इराक की योजना को खतरे में डालने वाली तकनीकों का हस्तांतरण और इन सब के साथ परमाणु हथियार बनाने की तकनीक हासिल करने की कोशिश, ये सभी बहुत गंभीर चुनौतियां हैं ।

अमेरिकी विदेश मंत्री राइस ने कहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश ईरानी प्रशासन के विध्वंसकारी व्यवहार से कई तरह से निबटने की कोशिश में लगे हैं ।

एक कोशिश यह सुनिश्चित करने की है कि जब हम इराक में ईरानी गतिविधियों को देखें और ऐसा लगे कि ये गतिविधियां हमारे हितों और हमारे लोगों के लिए हानिकारक हैं तो हम उनका सामना करें । इसमें कोई शक नहीं कि हम इस क्षेत्र के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को फिर से स्थापित कर रहे हैं । लेकिन यह किसी के खिलाफ नहीं है । यह क्षेत्र के स्थायित्व के लिए है ।

दूसरा रास्ता यह है कि अमेरिका और अन्य देश ईरान की नकारात्मक नीतियों का राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद के जरिये विरोध कर रहे हैं । सुरक्षा परिषद ने परमाणु कार्यक्रम को बंद करने से इन्कार करने की वजह से ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों के दो प्रस्ताव पहले ही पारित कर दिये हैं । अब वह अतिरिक्त कदमों पर विचार कर रही है ।

अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने कहा है कि अमेरिका का ईरान की जनता से कोई विरोध नहीं है ।

उन्होंने कहा कि उन्हें अभी से बेहतर समाज में रहने का अधिकार है । वह एक ऐसा समाज हो, जो अधिक स्वतंत्र हो । इसमें कोई शक नहीं कि वहां की जनता को एक ऐसे समाज में रहने का अधिकार है, जो उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरे ।

लेकिन जब तक ईरान अभी की तरह क्षेत्र को अस्थिर करने में लगा रहेगा, हमें मजबूर होकर प्रशासन की नीतियों को बदलने के लिए उस देश पर दबाव बढ़ाना पड़ेगा ।


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