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ईरानी अर्थव्यवस्था पर अमेरिका के विचार
08/07/2007

Mahmoud Ahmadinejad (file photo)
Mahmoud Ahmadinejad
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमैनई और राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद, दोनों ने ईरान सरकार द्वारा गैसोलीन को राशनिंग पद्धति में लाने के फैसले का समर्थन किया है । तेल समृद्ध लेकिन तेलशोधक कारखानों के मामले में पिछड़ी ईरान की राजधानी तेहरान में इस फैसले के कारण हिंसक प्रदर्शन हुए ।

गैसोलीन स्टेशनों पर सशस्त्र गार्डों को तैनात किये जाने के बाद ये प्रदर्शन रुक तो गए, लेकिन ईरान के लोग अभी भी नाराज हैं । तेहरान के एक निवासी ने एसोसियेटेड प्रेस न्यूज़ एजेंसी से कहा कि अहमदीनेजाद ने जन्नत का वायदा किया था, लेकिन उनकी सरकार ने ईरानी जनता के जीवन को नर्क बना दिया ।

गैसोलीन की किल्लत के अलावा ईरान की आर्थिक समस्याओं में बेरोजगारी की ऊंची दर, मुद्रास्फिति में लगातार वृद्धि और विदेशी निवेश को आकर्षित करने की अक्षमता भी शामिल है । राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद ने यूरेनियम संवर्धन गतिविधियों को रोकने से मना करने और परमाणु अप्रसार संधि के तहत अपने दायित्वों को नहीं निभाने की वजह से ईरान पर कई प्रतिबंध भी लगा दिये हैं ।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शौन मैककॉर्मेक ने ईरान की जनता की कठिनाइयों को रेखांकित किया । उन्होंने कहा

“ईरान में अभी जो घरेलू स्थितियां आप देख रहे हैं, वे वहां की सरकार द्वारा ईरानी अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन की वजह से हैं । गैस की राशनिंग हो गई है, मुद्रास्फिति बढ़ती जा रही है और उस पर ईरानी सरकार कर्ज लेकर भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है । ये बातें इस बात की संकेत हैं कि यह सरकार ढेर सारे वायदों के साथ अनेकों चेक काट रही है, लेकिन सही बात यह है कि उसके पास ईरानी अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की क्षमता नहीं है ।”

श्री मैककॉर्मेक ने कहा कि राष्ट्र संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का प्रभाव भी दिखने लगा है । उन्होंने कहा

“ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि प्रतिबंध की वजह से अवैध गतिविधियों में ईरानी सरकार का शामिल होना और कठिन हो गया है । इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार में ईरानी सरकार का बहुत सारा खर्च बढ़ गया है, लेकिन हम लोग यह करना नहीं चाहते थे । ईरानी सरकार ने खुद अंतर्राष्ट्रीय पद्धति से असहयोग का रुख अपना कर यही रास्ता चुना ।”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शौन  मैककॉर्मेक ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी यह सुनिश्चित करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं कि प्रतिबंधों का सीधा बोझ ईरानी जनता पर न पड़े, क्योंकि हम यह नहीं चाहते । उन्होंने कहा कि ईरान की जनता के सामने सबसे बड़ी समस्या अभी भी उनकी अर्थव्यवस्था में ईरान सरकार का कुप्रबंधन ही है ।


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