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अमेरिका और इस्लाम
03/07/2007

President Bush speaking at the Islamic Center of Washington, 27 Jun 2007
President Bush speaking at the Islamic Center of Washington,
राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू  बुश ने कहा है कि अमेरिका इस्लाम का सम्मान करता है और अमेरिका तथा मुस्लिम-बहुल देशों के लोगों के बीच समझ और सहयोग बढ़ाना चाहता है ।
वॉशिंगटन डी.सी. के इस्लामिक सेंटर की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में बोलते हुए श्री बुश ने एक नई पहल की घोषणा कीः


मैं ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कॉन्फ्रेंस के लिए एक विशेष दूत नियुक्त करूंगा । पहली बार किसी राष्ट्रपति ने ओ-आई-सी में ऐसी नियुक्ति की है । हमारा विशेष दूत मुस्लिम देशों के प्रतिनिधियों की बात सुनेगा और सीखेगा तथा उन्हें अमेरिका के विचारों और मूल्यों के बारे में बताएगा ।

श्री बुश ने कहा कि अच्छी भावनाएं रखने वाले पुरुषों और महिलाओं को उन चरमपंथियों के खिलाफ संगठित होना चाहिए, जो धर्म को ताकत हासिल करने और प्रभुत्व जमाने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं--  

ये खुद-मुख्तार मुसलमानों की ओर से बोलने का दावा करते हैं । पर ऐसा नहीं है । जो मुसलमान उनकी कठोर और नफरत से भरी विचारधारा में विश्वास नहीं करते, उन्हें वे काफिर और सच्चे इस्लाम धर्म से विश्वासघात करने वाला कहते हैं । उन्होंने मुसलमानों में फूट डालने के लिए और उन्हें एक-दूसरे से लड़वाने के लिए इस्लामी धार्मिक स्थलों पर हमले किए हैं । उनके आतंकवादी हमलों का शिकार ज़्यादातर मुसलमान हुए हैं ।

 

वॉशिगंटन के इस्लामिक सेंटर के अध्यक्ष, इमाम अब्दुल्ला खोज कहते हैं कि इस्लाम सहिष्णुता और कानून का सम्मान करने की शिक्षा देता हैः


इस्लाम हमें समय और स्थान की परवाह किए बिना अच्छा इंसान बनने की तालीम देता है । जिस देश में हम रहते हैं, उसके कानूनों का सम्मान करना और धार्मिक निर्देशों का पालन करके जीवन में अच्छी भागीदारी करना भी इसमें शामिल है ।

राष्ट्रपति बुश ने कहा कि चरमपंथ के खिलाफ संघर्ष में उदारवादी मुस्लिम नेताओं की आवाज़ सबसे ताकतवर और प्रभावशाली आवाज़ है ।  

हमें ज़्यादा मुस्लिम नेताओं को अपनी आवाज़ शामिल करने, मस्जिदों में घुसपैठ करने वाले चरमपंथियों के खिलाफ बोलने, हिंसक गतिविधियों को समर्थन और पैसा देने के लिए इस्लाम का सहारा लेने वाले संगठनों की निंदा करने और हमारे देश के तथा आज़ाद दुनिया में रहने वाले उन युवाओं तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जो मानते हैं कि किसी दिन आत्मघाती बम विस्फोटों को सही ठहराया जा सकेगा .

राष्ट्रपति बुश ने कहा कि अमेरिका आज़ादी और शांति की तलाश में दुनिया भर के मुसलमानों का साथ देने के लिए प्रतिबद्ध है । श्री बुश ने कहा कि हमने अपने दिल में महान मुस्लिम शायर की प्राचीन सीख को संजो रखा हैचिराग जुदा हैं पर रोशनी एक ही है ।


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