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U.S. Defense Secretary Robert Gates | एशिया में एक बैठक में अमेरिकी सहयोगियों से बोलते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने कहा कि आज की चुनौतियों से निपटने के लिए सभ्य देशों को नए और गतिशील तरीकों से साथ मिल कर काम करना होगा, जैसा कि हम एशिया में कर रहे हैं । श्री गेट्स ने विशेष तौर पर आतंकवादी संगठनों से लड़ने की चुनौतियों का उल्लेख किया, जो संगठित होने, प्रशिक्षण देने और भर्तियां करने के लिए वास्तविक और लगभग वास्तविक जगत के प्रशासनहीन स्थानों का लाभ उठाने में दक्ष हो गए हैं । दक्षिणपूर्व एशिया में अबु सैयफ और जेमाह इस्लामिया तथा अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठन अपने चरमपंथी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इन देशों को कमजोर करने की कोशिश करते हैं
विश्व को भारी कीमत चुकाने के बाद अहसास हुआ है कि असफल देशों को आतंकवादियों की शरणस्थली बनने देने के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं । सबसे तीखा उदाहरण अफगानिस्तान का था, जहां अल कायदा ने अमेरिका पर 11 सितंबर, 2001 के हमलों की योजना बनाई थी । आज, 42 देशों का गठबंधन यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि अफगानिस्तान फिर कभी आतंकवादियों की शरणगाह न बने ।
अफगानिस्तान में सफलता की जिम्मेदारी एशिया के देशों के साथ-साथ नाटो की भी है । कुछ और देश आगे आए हैं । करीब डेढ़ अरब डॉलर देने का वायदा करके जापान अफगानिस्तान को सहायता देने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है और सड़कों का निर्माण करने में मदद कर रहा है ।
एक और बड़ा दानदाता देश भारत है, जो काबुल में नए संसद भवन का निर्माण करने में मदद कर रहा है । दक्षिण कोरिया स्वास्थ्य केंद्र बनाने और पुनर्निर्माण परियोजनाओं में मदद दे रहा है । ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड भी अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण कार्यों में लगे हुए हैं ।
पर इससे ज्यादा सहायता की ज़रूरत है । रक्षा मंत्री गेट्स ने कहा कि मैं अन्य देशों को प्रशासन, पुनर्निर्माण और नशीले द्रव्यों को नष्ट करने के क्षेत्रों में अफगानिस्तान की सहायता के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करूंगा । अफगानिस्तान को एक समृद्ध, सुरक्षित और संप्रभु देश बनने में मदद करना अमेरिका और एशिया में उसके सहयोगियों के हित में है ।
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