बताया जाता है कि एक एज़ेरी-ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता हुसैन फोरूहिदेह को एक ईरानी अदालत ने मौत की सजा सुनाई है । श्री फोरूहिदेह अज़रबैजानी जाति के ईरानियों के भाषायी और सामाजिक अधिकारों की वकालत करते हैं । बंदी बनाए गए कार्यकर्ता के पिता गुलाम हुसैन फोरूहिदेह ने कहा है कि उनके बेटे को यातनाएं दी गई हैं ।
"मेरे बेटे को 9 महीने से हिरासत में रखा जा रहा है । दो महीने पहले उन्होंने कहा था कि वे उसे मौत की सजा देंगे और हमें कहा था कि दो दिन बाद आकर उसका शव ले जाएं । अभी तक कुछ नहीं हुआ है । मुझे नहीं मालूम कि यह प्रशासन मेरे बेटे के साथ क्या कर रहा है । मेरे बेटे की हालत स्पष्ट नहीं है । उसे परिवार के किसी भी सदस्य से मिलने का अधिकार नहीं दिया गया है । रिज़ाई के एटेलात (खुफिया सेवा) हिरासत केंद्र में उन्होंने उसकी पिटाई की और उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी ।"
श्री गुलाम हुसैन फोरूहिदेह ने ईरान के धार्मिक निज़ाम का विरोध करने के लिए खुद भी तीन साल जेल में बिताए थे । उनका कहना है कि ईरान की पुलिस का आतंक इस्लाम के लिए शर्मनाक है ।
"वे हमारे इस्लाम को शर्मिंदा करते हैं । आप नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं । वे अल्पसंख्यकों, कुर्दों, अज़ेरियों का दमन कर रहे हैं ।"
श्री हुसैन फोरूहिदेह के चचेरे भाई इराज नाजी के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है । बताया जाता है कि ईरानी अधिकारियों ने अक्टूबर, 2006 से उन्हें सबके सम्पर्क से दूर रखा हुआ है । मानवाधिकार निरीक्षण संगठन, एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, श्री नाजी को मई, 2006 में अज़ेरी-ईरानियों के प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था । ये लोग ईरान के सरकारी अखबार द्वारा अज़ेरी-ईरानियों को कॉकरोच की तरह दिखाने वाले कार्टून को छापने का विरोध कर रहे थे ।
प्रदर्शनों की वर्षगांठ पर हजारों अज़ेरी-ईरानियों ने तबरिज़, नगादेह और अन्य शहरों की सड़कों पर ईरानी सरकार द्वारा पक्षपात और परेशान किये जाने को बंद करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किये । प्रदर्शनकारियों पर ईरानी सुरक्षा बलों ने हमले किये और उन्हें जबरन तितर-बितर कर दिया ।
इस साल के शुरू में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ईरानी सरकार द्वारा अज़ेरी, कुर्द, जातीय अरब और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों और बहाई जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों का लगातार दमन किये जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की थी । विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रशासन ने स्कूलों में अज़ेरी भाषा पढ़ाने पर रोक लगा दी है, अज़ेरी कार्यकर्ताओं को परेशान किया जाता है और अपने सांस्कृतिक और भाषायी अधिकारों की वकालत करने के लिए अज़ेरी नागरिकों को अनुचित रूप से जेल में डाला जाता है । जिन ईरानी-अज़ेरी नागरिकों ने मई, 2006 में एक अपमानजनक कार्टून के प्रकाशन के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शन किये थे, उन्हें पीटा गया, परेशान किया गया और गिरफ्तार किया गया था । अमेरिका ईरानी सरकार के दुर्व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करने और उसके खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड में सुधार करने पर दबाव डालने के लिए राष्ट्र संघ, विदेशी सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ काम करना जारी रखेगा ।