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पाकिस्तानी मीडिया पर खतरा मंडराया
07/06/2007

Pakistani journalists hold oil torches as they march towards presidency during a rally to condemn crackdown against media, in Islamabad, 04 June 2007 <br />
Pakistani journalists hold oil torches as they march towards presidency during a rally to condemn crackdown against media, in Islamabad
पाकिस्तान के रेडियो एवं टेलीविजन प्रसारकों पर पाकिस्तानी सरकार का खतरा मंडरा रहा है । पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ ने एक फरमान जारी करके पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण को कथित रूप से ग़लत आचरण करने वाले रेडियो, टेलीविजन प्रसारण को रोकने, प्रसारण केंद्रों पर ताला लगाने, उपकरणों को जब्त करने और इन केंद्रों के लाइसेंस रद्द करने का अधिकार दे दिया है । पाकिस्तान की प्रिंट मीडिया इस फरमान से प्रभावित नहीं होगी ।

इसके पहले नियामक प्राधिकरण पाकिस्तानी प्रसारकों को सरकार की अनुमति लिये बगैर प्रदर्शनों और अन्य राजनीतिक घटनाक्रमों का आंखों देखा हाल प्रसारित नहीं करने का आदेश दे चुका है । उन्हें पाकिस्तान की सेना या न्यायपालिका की आलोचना वाले किसी कार्यक्रम के प्रसारण को लेकर भी चेतावनी दी गई थी ।

राष्ट्रपति का फरमान अभी जारी भी नहीं हुआ था कि आज टीवी और एआरवाई वन टीवी सहित कई न्यूज़ चैनल को कार्यक्रमों के वितरण पर नियंत्रण रखने वाली केबल टेलीविजन कंपनियों ने बाधित कर दिया । पाकिस्तान के सबसे बड़े स्वतंत्र टेलीविजन चैनल जियो ने कहा है कि उसके प्रसारणों को बीच-बीच में रोका जाता रहा है, हालांकि उस न्यूज़ चैनल का प्रसारण अब जारी है । केबल टेलीविजन कंपनी ऑपरेटरों ने प्रसारकों को आगाह किया है कि अगर उन्होंने पाकिस्तानी सरकार की आलोचना वाली कोई खबर प्रसारित की तो उनका प्रसारण रोक दिया जाएगा । जियो के टॉक शो “मेरे मुताबिक” के प्रस्तुतकर्ता शाहिद मसूद ने कहा कि देश एक बहुत ही गंभीर दौर से गुजर रहा है । अगर किसी टॉक शो को इजाजत नहीं मिलती, बहस को रोका जाता है तो फिर न्यूज़ चैनल का क्या फायदा ।

मीडिया के दमन की शुरुआत के पहले कई सप्ताहों तक पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी को हटाए जाने को लेकर राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के खिलाफ प्रदर्शनों का दौर चला था । इन प्रदर्शनों को पाकिस्तानी रेडियो और टेलीविजन केंद्रों ने व्यापक स्तर पर प्रसारित किया । अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शौन मैककॉर्मेक ने पाकिस्तान के इन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करते हुए कहा-

“यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे पाकिस्तानी जनता और पाकिस्तानी सरकार को अपने कानून के दायरे में सुलझा लेना चाहिए । मैं समझता हूं कि वहां न्यायिक प्रक्रिया चल रही है और मीडिया को उस प्रक्रिया के बारे में समाचार देने की आजादी होनी चाहिए । यह सुनिश्चित करने के लिये कि पाकिस्तानी जनता को पता हो कि वहां की सरकार क्या कर रही है इस प्रक्रिया को दिखाया जाना महत्वपूर्ण है ।”

अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने कहा है कि एक स्वतंत्र मीडिया और पारदर्शी व दायित्व के साथ काम करने वाले सरकारी संस्थानों के बगैर मानवाधिकार की रक्षा नहीं की जा सकती ।


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