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First Afghan returnees bundle up for the long ride from Peshawar to Afghanistan |
अमरीका, राष्ट्रसंघ शर्णार्थी एजेंसी, यानी UNHCR, और अफ़ग़ानिस्तान, ईरान से आह्वान कर रहे हैं कि उस देश से अवैध अफ़ग़ान उत्प्रवासियों के निष्कासन के दौरान उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाये । अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शौन मेककौरमेक ने कहा “अमरीका को चिंता है कि पश्चिमी अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ग़ान उत्प्रवासियों के बड़ी संख्या में आगमन से मानवीय सहायता की आवश्यकता बढ़ती जा रही है ।” बहुत से निष्कासित अफ़ग़ानियों को भारी जोखिम उठा कर अफ़ग़ान-ईरानी सीमा से होकर जाने को मजबूर किया जा रहा है जहां नेटो सैनिकों और तालेबान उग्रवादियों के बीच लड़ाई बढ़ती जा रही है ।
UNHCR की रिपोर्ट के अनुसार ईरान में लगभग बीस लाख अफ़ग़ानी हैं, जिनमें से नौ लाख को वैध रूप से वहां रहने और काम करने की अनुमति है । पाकिस्तान में अनुमानतः बीस लाख या उससे अधिक शर्णार्थी हैं । UNHCR की सहायता से सन 2002 से लेकर अब तक, लगभग तीस लाख शर्णार्थी पाकिस्तान से अफ़ग़ानिस्तान वापस लौट गये हैं । आठ लाख से अधिक शर्णार्थी ईरान से वापस लौटे हैं ।
राष्ट्रसंघ में शर्णार्थी मामलों के अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल से लेकर अब तक ईरानी अधिकारियों ने 55 हज़ार से अधिक अफ़ग़ानियों को ज़बरदस्ती अफ़ग़ानिस्तान भेजा है । जिन लोगों को निष्कासित किया गया उन्हें अपना सामान बांधने का समय नहीं दिया गया, रोक कर रखा गया और बिना बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराये वहां से रवाना कर दिया गया । हेरात प्रांत के लिये वरिष्ट अफ़ग़ान शर्णार्थी अधिकारी शमसुद्दी हामेद ने कहा “ईरान के सुरक्षा सैनिक अफ़ग़ान शर्णार्थियों से जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वह न तो इस्लाम धर्म के अनुकूल है न मानवीय है ।” उन्होंने कहा “हमने मारने पीटने, यातनायें देने और यहां तक कि हत्यायें तक किये जाने के मामले दर्ज किये हैं ।” अफ़ग़ानिस्तान के निमरोज़ प्रांत के गवर्नर ग़ुलाम दस्तगीर ने कहा “यहां ज़बरदस्ती भेजे जाने वाले लोगों में ऐसी महिलायें भी हैं जिनके परिवार के सदस्य ईरान में छूट गये हैं ।
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई के एक प्रवक्ता करीम रहीमी ने कहा अफ़ग़ानिस्तान के अधिकारियों ने ईरानी अधिकारियों से वार्तायें की हैं, और वह अस्थाई रूप से निष्कासन रोकने को राज़ी हुये हैं । श्री रहीमी ने कहा-
“अफ़ग़ान प्रतिनिधि मंडल और ईरानी अधिकारी इस बात पर सहमत हुये हैं कि अगले तीन महीनों तक ईरान में रह रहे अवैध अफ़ग़ानियों को ज़बरदस्ती निष्कासित नहीं किया जायेगा ।”
अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शौन मेककौरमेक ने कहा “अमरीका इस बात से उत्साहित है कि अफ़ग़ानिस्तान और ईरान सरकार ने इस विषय पर वार्तायें कीं ।” श्री मैककौरमेक ने यह भी कहा कि “अमरीका UNHCR और अफ़ग़ान सरकार के यह सुनिश्चित कराने के आह्वान का समर्थन करता है कि ईरान में अवैध रूप से रह रहे और काम कर रहे अफ़ग़ानियों को धीरे धीरे, योजनाबद्ध रूप से और मानवीय तरीक़ों से निष्कासित किया जाये ।”