![Nepal's Prime Minister Girija Prasad Koirala addresses Nepalese lower house parliamentarians in Katmandu, Nepal (file photo)](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110142818im_/http://www.voanews.com/hindi/images/AP_Nepal_Girija_Prasad_1apr07.jpg) |
Nepal's Prime Minister Girija Prasad Koirala |
नेपाल में 20 जून को तय चुनावों को देश के चुनाव आयोग ने स्थगित कर दिया है । चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान आयोजित करने से पहले कुछ नए कानूनों को लागू किये जाने की जरूरत है । चुनाव आयुक्त भोजराज पोखरेल ने कहा कि सरकार द्वारा तय तारीख अब महज 60 दिन दूर है और हमने सरकार से पहले ही कह दिया है कि जरूरी विधेयक पारित हो जाने के बाद हमें चुनाव की तैयारी के लिए कम-से-कम 110 चाहिए । श्री पोखरेल ने यह भी कहा कि शांति और सुरक्षा की स्थिति में अभी सुधार नहीं हुआ है और अगर इन मुद्दों का हल निकाले बगैर देश चुनाव आयोजित करने का फैसला लेता है तो इससे कई परेशानियां सामने आ सकती हैं ।
नेपाल के लिए एक संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए विशेष राष्ट्रीय विधायिका का गठन नवंबर 2006 में नेपाल सरकार और माओवादी विद्रोहियों के बीच हुए शांति समझौते का एक हिस्सा है । इस समझौते की वजह से एक दशक से जारी माओवादी उग्रवाद औपचारिक रूप से समाप्त हो गया । इस उग्रवाद के दौर में 13,000 से अधिक लोगों की जानें गईं । माओवादी हिंसा छोड़ने को राजी हो गए, लेकिन हिंसा अभी भी जारी है । नेपाल में अमेरिकी राजदूत जेम्स मोरियार्टी ने कहा- मुझे नहीं लगता कि उनकी गतिविधियों में कोई खास परिवर्तन आया है, हमें देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार बुरी खबरें मिल रही हैं । श्री मोरियार्टी ने कहा कि माओवादी अभी भी हर रोज व्यापक स्तर पर हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं ।
हाल में ये माओवादी नेपाल की अंतरिम सरकार में शामिल हुए हैं और सरकार में उनके कई मंत्री हैं । श्री मोरियार्टी ने कहा कि नेपाल के साथ अमेरिका का रिश्ता बरकरार है और वह माओवादियों के नियंत्रण वाले मंत्रालयों के काम-काज पर नजर रखेगा ।
उन्होंने कहा कि हमने यह फैसला किया है कि हम माओवादियों की करनी के लिए नेपाल की जनता को दंडित नहीं करेंगे । हम माओवादियों द्वारा नियंत्रित मंत्रालय पर नजर रखेंगे ।
नेपाल में अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी एक बयान में अमेरिका ने माओवादियों से हिंसा में लिप्त नहीं होने के अपने वायदे को पूरा करने का आह्वान किया है । अमेरिका ने नेपाल सरकार से भी मुक्त एवं निष्पक्ष चुनावों के लिए माहौल तैयार करने को कहा है । इसके लिए उसे पूरे देश में तेजी से कानून और व्यवस्था को लागू करना पड़ेगा ।