![General William Caldwell (3 Jan 2007 photo)](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110132233im_/http://www.voanews.com/hindi/images/afp_US_Iraq_Caldwell_03jan07_0.jpg) |
General William Caldwell |
बहुराष्ट्रीय बल के प्रवक्ता, अमेरिकी मेजर जनरल विलियम काल्डवेल ने कहा है कि ईरान सुन्नी आतंकवादियों और शिया उग्रवादियों, दोनों को इराक में मदद कर रहा है ।
उन्होंने कहा कि दरअसल हमें कुछ ऐसे मामले हाथ लगे हैं, जिनसे यह पता चलता है कि ईरानी खुफिया सेवाओं ने कुछ सुन्नी उग्रवादी संगठनों को मदद दी है । हम अभी भी यह पा रहे हैं कि इराक में कोष एवं हथियार व गोला-बारूद मुहैया करने के मामले में ईरानी खुफिया सेवाएं यहां सक्रिय हैं ।
जनरल काल्डवेल ने कहा कि हाल ही में गठबंधन फौजों ने बगदाद के सुन्नी-बहुल इलाके में हथियारों का एक जखीरा जब्त किया । इस बारे में गठबंधन फौजों को एक इराकी नागरिक ने सुराग दिया था ।
उन्होंने कहा- उन्हें घर के सामने एक काली मर्सिडीज कार खड़ी मिली । सीट के पीछे हाल में निर्मित ईरान का एक रॉकेट लगा हुआ था । उन्होंने बक्से को खोला । अंदर में उन्हें ईरान में हाल में निर्मित कुछ हथियार मिले । जब उन्होंने घर और उसके पिछवाड़े की जांच की तो उन्हें ईरान में निर्मित कुछ और हथियार मिले ।
जनरल काल्डवेल ने कहा कि सुन्नी और शिया उग्रवादियों को कोष एवं हथियार मुहैया करने के अलावा ईरानी खुफिया बल इराकी शिया मुसलमानों को ईरान के अंदर प्रशिक्षण भी दे रहे हैं ।
उन्होंने कहा- उन्हें ई-एफ-पी (विस्फोटक से बने प्रोजेक्टाइल) के पुर्जों को जोड़ने एवं उन्हें लगाने का प्रशिक्षण दिया जाता है । खास हथियारों को लेकर भी प्रशिक्षण दिया जाता रहा है । इन हथियारों का प्रयोग यहां इराक में हो रहा है । हमें यह भी पता है कि उन्हें दूसरे अन्य जरूरी आम तरकीबों की ट्रेनिंग मिलती है । उन्हें बताया जाता है कि कैसे जटिल हमलों को अंजाम देना है । इन जटिल हमलों में विस्फोटक से लेकर छोटे हथियारों एवं कई जगहों पर हमलों को अंजाम देने के दौरान विभिन्न प्रकार के कार्य करने पड़ते हैं ।
जनरल काल्डवेल ने कहा कि सीरिया अभी भी इराक में विनाशकारी भूमिका निभा रहा है । इसके लिए वह सीरिया से विदेशी लड़ाकुओं को इराक में जाने की अनुमति दे रहा है । उन्होंने कहा कि इस बाहरी हस्तक्षेप के बगैर भी इराक में मौत और हिंसा की स्थिति बहुत खराब हो गई है । उन्होंने कहा कि ईरान और इराक के सभी पड़ोसियों को इराक की संप्रभुता का आदर करना चाहिए और उस देश के नागरिकों को अपना भविष्य खुद तय करने का समय और मौका देना चाहिए ।